चैत्र अमावस्या पर करें ये उपाय, कालसर्प दोष से मिलेगा छुटकारा, देखें क्या है खास
- By Habib --
- Tuesday, 02 Apr, 2024
Do these remedies on Chaitra Amavasya, you will get relief from Kalsarp Dosh.
हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के अगले दिन अमावस्या पड़ती है। तदनुसार, इस साल 8 अप्रैल को चैत्र अमावस्या है। इस दिन भगवान शिव एवं नारायण श्रीहरि विष्णु की पूजा की जाती है। साथ ही पितरों का तर्पण भी किया जाता है। ज्योतिष कालसर्प दोष, पितृ दोष और नाग दोष के निवारण हेतु अमावस्या तिथि को उत्तम मानते हैं। अत: हर अमावस्या पर कालसर्प दोष का निवारण किया जाता है। अगर आप भी कालसर्प दोष से पीडि़त हैं, तो चैत्र अमावस्या पर ये अचूक उपाय जरूर करें। साथ ही इन मंत्रों का जप करें। इन उपायों को करने से कालसर्प दोष का प्रभाव कम या निष्क्रिय हो जाता है।
कालसर्प दोष कब लगता है
ज्योतिषियों की मानें तो कुंडली में बारह भाव हैं। इन भावों में मायावी ग्रह राहु और केतु के मध्य शुभ और अशुभ ग्रहों के रहने पर कालसर्प दोष लगता है। कालसर्प दोष कई प्रकार के हैं। इस दोष से पीडि़त जातक या व्यक्ति को जीवन में नाना प्रकार की परेशानियों से गुजरना पड़ता है। अत: ज्योतिष कालसर्प दोष से पीडि़त जातकों को दोष निवारण की सलाह देते हैं।
कालसर्प दोष मंत्र
ऊँ क्रौं नमो अस्तु सर्पेभ्यो कालसर्प शांति कुरु कुरु स्वाहा ।।
ऊँ नमोस्तु सर्पेभ्यो ये के च पृथिवीमनु ये अन्तरिक्षे ये दिवि तेभ्य: सर्पेभ्यो नम:।।
ऊँ नव कुलाय विध्महे विषदन्ताय धी माहि तन्नो सर्प प्रचोदयात
ऊँ क्लीम आस्तिकम् मुनिराजम नमोनम: ।।
कालसर्प दोष के उपाय
चैत्र अमावस्या के दिन स्नान-ध्यान कर देवों के देव महादेव की पूजा करें। इसके पश्चात चांदी या तांबे से निर्मित नाग और नागिन को बहती जलधारा में प्रवाहित करें। इस उपाय को करने से कालसर्प दोष समाप्त होता है।
अगर आप कालसर्प दोष से निजात पाना चाहते हैं, तो अमावस्या तिथि पर स्नान-ध्यान कर गंगाजल से देवों के देव महादेव का अभिषेक करें। इस समय शिव चालीसा का पाठ करें।
चैत्र अमावस्या के दिन राहु और केतु के बीज मंत्र (ऊँ रां राहवे नम: और ऊँ क्र केतवे नम:) का जप करने से भी कालसर्प दोष का प्रभाव कम होता है।
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